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दुनिया के लोगों ने इस मजहबी (इस्लामिक आतंकवाद को कैसे हैंडल किया।)आओ! जानने की कोशिश करें
१:- सन् ,७११ में पुर्तगाल एवं स्पेन पर मुस्लिम शासन हो गया
लेकिन इसाइयों ने हार नहीं मानी और लगातार इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ते रहे और अन्त में सन् १४९२में अपने देश पर दुबारा कब्जा किया। और मुसलमानों को भगाया।
२:- वुलगारिय,की साम्यवादी सरकार ने अरबी,तुर्की भाषा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया,
कब्रों, मस्जिदों को धराशाही करके गोदाम बनवा दिया।जिन लोगों ने भय से इस्लाम कबूल किया था उन सबको अपने धर्म में वापसी करवाया।
३:- कम्पूचियां में इस्लाम पर प्रतिबंध लगा कर ११४, मस्जिदों को धराशाही करके वहां सुअरों के बाड़े बनवा दिया।३०००(तीन हजार) मुसलमान थाईलैंड होके मलेशिया भाग गये।
लगभग ८%मुसलमान थे,वे कम्पूचियाई भाषा और संस्कृति अपनाने को तैयार नहीं थे उन्हें साम्यवादी सरकार ने खत्म कर दिया।
4- (चीन) में कमनिस्ट क्रान्ति के बाद मांओं, के आदेश पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र सिक्यांग में 9000, मस्जिदों को धराशाही करके, वहां स्कूल और गोदाम बनवा दिया गया, एक से अधिक विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया, और सामूहिक हज़ यात्राए बन्द कर दिया।
वहां स्पष्ट कर दिया किया मजहब एक ही व्यक्ति का आचरण और विचार है।
इसलिए अपने घर में बैठकर आचरण करें।
परन्तु अपने मजहब का कोई संगठन नहीं बना सकते। यदि किसी ने कानून की अवहेलना की तो उसे देश से बाहर निकाल दिया जाएगा।
5:- (रूस) में सन् 1907में मस्जिदों की संख्या 7000,थी जो1942आते -आते मात्र 1312,रह गयी, बाकी गिरा दी गई। रसियन संस्कृति और भाषा को अपनाने के लिए बाध्य किया गया। जो नहीं मानें उन्हें देश छोड़ने का फैसला सुनाया गया।
और एक से अधिक विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया,और दो बच्चो कानून व्यवस्था की गई।
आज रसिया में मात्र 23, मस्जिद और एक ही मदरसा है।
6:- (वर्मा ) अपने बगल में एक छोटा सा राज्य देखें।
1937, की घटना है।
बौद्ध पूर्णिमा पर बौद्धों ने जलूस निकाला वह जलूस मस्जिद के सामने वाले रास्ते से जाना था।
मुसलमानो ने मस्जिद के सामने से जलूस निकालने के लिए रोकना चाहा लेकिन बौद्धों ने नहीं मानें और कहा आप हमारे देश में अतिथि हो।
अतिथि की तरह रहो, लेकिन मुसलमानों ने बौद्धों के उपर पत्थर बर्षाए और सोडे की बोतलें फेंकी।
उस समय बौद्धों ने कुछ नहीं बोला बाद में इकट्ठे हो कर मस्जिद पर हमला कर दिया
और मात्र 3घन्टे में 5000,को मार दिया।
वहां से 90%भाग कर भारत आए।
बाकी 10%बौद्धधर्म अपना लिया।
वेद हमें यह सिखाता है कि सज्जन के साथ सज्जनता,और दुर्जन के साथ दुर्जनता का व्यवहार करो।
सांप को दूध पिलाने से उसका विष बढ़ता है।
यें
इसलिए हमें दुनिया से,और इतिहास से कुछ सीखने की जरूरत है।
राजेन्द्र सिंह आर्य पंचकूला हरियाणा
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