ऋषि की कहानी सितारों से पूछो....
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महर्षि दयानंद सरस्वती |
ऋषि की कहानी, सितारों से पूछो।
फिज़ाओं से पूछो, बहारों से पूछो।।
वह घर से निकलकर किधर को गया था।
महादेव को पाकर कहां खो गया था।
सुहाने सफर के नजारों से पूछो।।१।।
नदी अलकनंदा तथा नर्मदा से ।
हिमालय की ऊंची, ऊंची शिला से ।
वनों पर्वतों से या पठारो से पुछो ।।२ ।।
कहां बैठकर थी समाधि लगाई ।
अमर दिव्य ज्योति कहां जगमगाई ।
ये गंगा के शीतल किनारों से पूछो ।। ३।।
वे कैसी निगाहें बदन वह गठीला ।
दयालु दयानंद बहुत ही लजीला ।
ये मथुरा के घाटों या बाजारों से पूछो ।।४।।
परखने सच्चाई वह काशी में आया ।
सभी दिग्गजों को अकेले हराया ।
कथा उस समय के नजारों से पूछो ।। ५।।
महन्ती का राणा ने लालच दिया था ।
गरजकर ऋषि ने क्या कह दिया था ।
उदयपुर महल के मीनारों से पूछो ।। ६।।
कह दिया दुर्जनों ने कपट दल रचाया ।
जगन्नाथ ने फिर उन्हें विष पिलाया ।
"पथिक" जोधपुर की दीवारों से पूछो ।।७।।
ओ३म्।
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