हिन्दू की स्थिति
![]() |
हिन्दू देवता |
हिन्दुओं की स्थिति ---
मुस्लिमों की कुराण मे लिखा है मांस खाना, वे खाते हैं...इसाईयों की बाइबिल मे लिखा है मांस खाना वे भी खाते हैं...
हिंदु समाज तो इन दोनों का ही अनुसरण कर मांस खा रहा है। जबकि मानव मात्र के मूल धार्मिक ग्रंथ "वेदों" में मांस भक्षण का कोई विधान नहीं है लेकिन ये सभी मतावलंबी फिर भी इस अभक्ष्य पदार्थ का भक्षण करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है
परमात्मा का कोई शरीर नहीं है। वह निराकार है लेकिन विभिन्न मत मतान्तरानुसार इनकी कल्पनाओं ने हजारों भगवान् मार्किट में खड़े कर दिये।
हिंदू भी भ्रमित हो चुके हैं किस किसको पूजें किसको नहीं...
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि
कर्म करके जियो लेकिन स्वार्थी पाखंडवादी देवी देवताओं के नाम पर दुकानदारी चलाकर हिंदुओं को पाखंडी बना रहे हैं।
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि
10% दान ऐसी जगह करो जहाँ से आपका समाज तरक्की करे आपके धर्म का आधार मजबूत हो...लेकिन हिंदू दान करता है मुस्लिमों के पीर मजारों पर,
साई बाबा जैसे मुस्लिम ढोंगी की कब्रों पर और तरह तरह के मंदिरों में जहाँ ज्यादा भीड़ दिखाई दे।
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है
बुजुर्ग माता पिता की सेवा करो
लेकिन वृद्ध आश्रमों में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा बुजुर्ग हिंदूओं के है उन हिंदुओ के जिन्होंने अपनै बच्चों को पालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है
शास्त्र और शस्त्रों मे निपुण बनो लेकिन हिंदु समाज को
ना शस्त्र का पता ना इनको अपने धार्मिक ग्रंथों (वेदादि शास्त्रों) का पता..
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है
विधर्मियों का सर्वनाश करो
लेकिन ये बेचारे खुद जगह जगह से पलायन हो फिर रहे हैं विधर्मियों का नाश तो क्या खाक करेंगे !
धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि माता अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा देवें, उनको बहादुर बनावें पर हमारी माताएं दादी अपने बच्चों को भूतों से डराती हैं कि बेटा सो जा नहीं तो भूत आ जायेगा बेटा सो जाओ नहीं तो बिल्ली आ जायेगी...
धार्मिक ग्रंथ वेदो में सभी मनुष्यों को वेदानुकूल आचरण अपनाकर मनुष्य बनने के लिए लिखा हुआ है।
उसके बावजूद कथित हिंदू, मुस्लिम सिक्ख ईसाई जैन बौद्ध पारसी यहूदी आदि उसका 1% भी अनुसरण नहीं करता।
सर्वाधिक पाखंड और अंधविश्वास में फंसा तो यह हिंदू समाज ही है।इसी कारण आज हिंदू लुट रहा है, बर्बाद हो रहा है, पलायन कर रहा है, बहन बेटियां लव जिहाद में फंस रही है, मत परिवर्तन हो रहे हैं, गौ माताएं सड़कों पर धक्के खा रही हैं।
गुरूकुल लुप्त होने की कगार पर हैं जो वैदिक धर्म का आधार स्तंभ थे । मर्यादा पुरुषोत्तम राम, योगीराज श्री कृष्ण और वेदों और व्याकरण के ज्ञाता महाबली हनुमान जैसे धर्मात्मा महापुरुषों से ज्यादा आज पूजनीय साई बाबा जैसे मुस्लिम ढोंगी पीर सैय्यद जैसे जेहादी मुस्लिम हो चुके हैं ।
तुम्हारी बर्बादी को कोई नही रोक सकता हिंदूओं...
कोई भी नहीं, जब तक अपने वैदिक धार्मिक ग्रंथों को नहीं पढ़ोगे, उनमें लिखे उपदेशों को नही मानोगे!
इसाई बाईबल पढ़ते हैं और पढ़ाते है। आज दुनिया में सबसे ज्यादा मजबूत इसाई है और उनकी मजबूती का आधार है कान्वेंट स्कूल (जिसमें बाइबल पढ़ाई जाती है)
इसके बाद मुस्लिम कुराण पढ़ते है और पढ़ाते हैं
उनकी मजबूती का आधार है मदरसे
(जिसमें कुराण पढ़ाई जाती है)
और हिंदूओ की मजबूती का आधार था वेद, उपनिषद, दर्शन जो गुरूकुलों मे पढ़ाए जाते थे लेकिन अफसोस आज 100 से भी कम गुरूकुल मुश्किल से बचे हूए हैं जिन्हें आर्य समाज चला रहा है।
वह आर्य समाज, जिसको ये कथित हिंदू समुदाय आर्य नमाजी कहता है और सबसे ज्यादा गालियां आर्य समाज को देता है।
धर्म के सत्य ज्ञान से अनभिज्ञ ये हिंदू अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है जबकि आज का भ्रमित और भटका हुआ हिंदू कल का आर्य ही है।
हिंदू समुदाय ही नहीं बल्कि सभी मतावलंबियों के पूर्वज भी आर्य ही रहे हैं।
हे परमात्मा सदबुद्धि देना धर्म से भटके हुए सभी मतावलंबियों को,
जिससे ये अपना अच्छा बुरा समझकर वेदानुगामी बन सकें!
आओ दो दिवसीय लघु गुरूकुल की शिक्षा से वैदिक सिद्धांतो को जाने और पाखंड से बचे ।।
No comments:
Post a Comment