गुरुकुल महाविद्यालय झज्जर का परिचय - वैदिक समाज जानकारी

Recent post

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, 28 November 2019

गुरुकुल महाविद्यालय झज्जर का परिचय

ओ३म्

गुरुकुल महाविद्यालय झज्जर का परिचय,गुरुकुल झज्जर हरियाणा
गुरुकुल झज्जर हरियाणा 


“गुरुकुल महाविद्यालय झज्जर का परिचय”

.......................
गुरुकुल महाविद्यालय, झज्जर आर्यसमाज का प्रसिद्ध एवं प्रमुख गुरुकुल है। यह गुरुकुल हरियाणा राज्य के झज्जर जिले में स्थित है।

इसका सम्पर्क सूत्र पत्रालय झज्जर, तहसील झज्जर, पिनकोड 124103, दूरभाष/मोबाइल नं0 9416055044 । इस गुरुकुल की स्थापना वर्ष 1915 में पं0 विशम्भर दयाल जी ने की थी।

इस गुरुकुल के पूर्व आचार्य स्वामी ओमानन्द सरस्वती जी हुए हैं जिनका यश आर्यसमाज में सर्वदा विद्यमान रहेगा। गुरुकुल का संचालन विद्यार्य सभा के द्वारा किया जाता है।

 यहां आर्ष शिक्षा प्रणाली से अध्ययन कराया जाता है। गुरुकुल महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक से सम्बद्ध है। यह गुरुकुल मान्यता प्राप्ति की दृष्टि से ‘श्रीमद् दयानन्द आर्ष विद्यापीठ’ द्वारा मान्यता प्राप्त है एवं इससे एसोसियेट स्टेटस से युक्त है।

वर्तमान समय में यहां कुल 204 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। गुरुकुल के पास अपनी 60 एकड़ भूमि व भवन आदि हैं। यह पूरी भूमि गुरुकुल के अपने अधिकार में है और इस पर किसी का किसी प्रकार का कब्जा आदि नहीं है।

गुरुकुल में छात्रावास, रसायनशाला, बलिदान भवन, कुश्ती भवन तथा गोशाला एवं अतिथिशाला हेतु पर्याप्त भवन उपलब्ध हैं।
 गुरुकुल का अपना संग्रहालय एवं प्राकृतिक चिकित्सालय है। गुरुकुल का संग्रहालय देश भर में प्रसिद्ध है।

शिक्षणेतर गतिविधियों में यहां पर क्रीड़ा, कृषि तथा वेद प्रचार आदि का कार्य सम्पन्न किया जाता है। गुरुकुल की उपलब्धियों पर दृष्टि डालें तो अब तक यहां से सैकड़ों स्नातक विद्वान बनकर निकले हैं जो कि देश विदेश में विभन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
यह क्षेत्र हैं शिक्षा, साहित्य, राजनीति, प्रशासनिक, योग, पुरातत्व, सामाजिक, क्रीड़ा एवं आयुर्वेद।

गुरुकुल से अधीत अधिकांश स्नातक अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। इनके अतिरिक्त कई स्नातक समाज को अपना जीवन समर्पित करके अनेक नये गुरुकुलों की स्थापना करके समाज सेवा कर रहे हैं।

कुछ स्नातक राजनीति में उच्च पदों को सुशोभित कर चुके हैं। कुछ स्नातक संन्यासी बनकर भी देश व समाज की सेवा कर रहे हैं।

गुरुकुल की आय का स्रोत दान व कृषि आदि है। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान तथा राज्य सरकार से अल्प आर्थिक मदद उपलब्ध होती है।

सरकार से अपेक्षा है कि वह गुरुकुल की सभी गतिविधियों के संचालन के लिये पूर्ण आर्थिक सहायता व अनुदान प्रदान करे।

वर्तमान समय में गुरुकुल के आचार्य श्री विजयपाल जी (मोबाइल नं. 9416055044) हैं।

गुरुकुल की विद्यार्य सभा के प्रधान पद पर श्री पूर्ण सिंह देशववाल जी (मोबाइल नं. 8053178787) हैं तथा

मंत्री व कोषाध्यक्ष पद पर क्रमशः श्री राजवीर सिंह जी (मोबाइल नं. 9811778655) और श्री राम प्रताप जी (मोबाइल नं. 9416434541) हैं।
 गुरुकुल से मासिक पत्रिका ‘‘सुधारक” का प्रकाशन भी होता है।

हम आशा करते हैं कि गुरुकुल का यह विवरण हमारे पाठक मित्रों के लिए उपयोगी होगा। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here