वैदिक भजन
ऐसी कमाई कर लो के जो संग जा सकेमुश्किल पड़े तो राह में कुछ काम आ सके
ऐसी कमाई... मुश्किल पड़े तो...
संसार में आता कोई साथी नजर नहीं २
बस नाम के साथी हैं ये साथी मगर नहीं
साथी बनाओ उसको जो साथी कहा सके
मुश्किल पड़े तो...
ऐसी कमाई... मुश्किल पड़े तो ..
पापों में सदा मन को लगाते चले गए २
बदियों का ही सामान बढ़ाते चले गए
लेकिन कभी भी धर्म को अपना बना सके
मुश्किल पड़े...
ऐसी कमाई... मुश्किल पड़े तो..
दुनिया की चकाचौंध में जीवन बिता दिया २
अनमोलसमय पाके भी यो हीं गवा दिया
मानव वही इसका जो फाएदा उडा सके
मुश्किल पड़े तो...
ऐसी कमाई... मुश्किल पड़े तो..
चिन्ता की नहीं बात जो चिन्तन से काम लो २
शुभ कर्म करो अब से ही ईश्वर का नाम लो
संभव है *पथिक* आपके बन्धन छुड़ा सके
मुश्किल पड़े तो...
ऐसी कमाई... मुश्किल पड़े तो...
स्वर एवं रचना - *सत्यपाल पथिक* (वैदिक भजनोपदेशक)
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