विश्व नारी परिचय
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विश्व की महान नारी |
वैदिक काल में नारियों की स्थिति बहुत उच्च थी , बहुत आदर था और नारी को सम्मान और सत्कार की दृष्टि से देखा जाता था ।
मध्यकाल में नारियों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई थी , पतन ही पतन था , उपनयन संस्कार , दैनिक यज्ञाधिकार और वेदाधिकार इनसे छीन लिया गया था ,
सती के नाम पर पति की चिता के साथ नारी को जिंदा जला दिया जाता था , मध्यकाल में नारी जाति को भूत - भूतनी , डायन - चूडैल से सम्बोधित किया जाता था ।
इस देश में नारी जाति पर बहुत अत्याचार हुआ । मध्यकाल में मुस्लिम लोगों ने भी नारियों पर अत्याचार किये और कर रहे हैं ।
ऋषि दयानन्द का स्वप्न था कि आर्यसमाज और विश्व की नारी जाति शिक्षित और सशक्त होकर पूरे विश्व में शासन कर सके ।
इसके लिये ऋषि ने बहुत संघर्ष किया और उन्होंने एवं उनके अनेक अनुयायियों ने बलिदान दिए । आज ऋषि का सपना साकार हो रहा है और बहुत कुछ तो साकार हो चुका है ।
इस देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल , प्रथम महिला प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी , लोकसभा अध्यक्ष सुश्री मीरा कुमार जी , श्रीमती सुमित्रा महाजन जी इत्यादि बहुत सी नारी राज्यपाल , एवं बहुत सी नारियाँ मख्यमन्त्री पदों को सुशोभित कर रही हैं और कर चुकी हैं ।
पूरे विश्व में नेपाल , श्रीलंका , मॉरिशस , पाकिस्तान , बांग्लादेश , अमेरिका , आस्ट्रेलिया , फिजी , न्यूजीलैण्ड और लंदन इत्यादि सैकडों देशों में शासक वर्ग में महिलाओं का वर्चस्व है और शासन कर रही हैं ।
सिर्फ मुस्लिम देश में नारियाँ शासक वर्ग नहीं हैं । शनैः - शनै : मुस्लिम देशों में भी शिक्षा में क्रान्ति हो रही है । यहाँ पर ऋषि दयानन्द का सपना साकार होने जा रहा है।
लेखक - आचार्य ब्र. नन्दकिशोर
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